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‘हम एसटी में आते हैं, लेकिन दूसरे नहीं बल्कि इस कैटेगरी से ही हमें पढ़ाई-जॉब के लिए लड़ना पड़ता है’

Hemant Kumar Pandey
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14 Sep, 2020 2.9K words
प्राइमर ट्राइब टोटो में स्नातक की पढ़ाई करने वाली पहली महिला- रीता टोटो (Image Credit : Hemant Kumar Pandey)

टोटो जनजाति पश्चिम बंगाल के टोटोपाड़ा में रहती है. करीब 1600 की आबादी वाली इस जनजाति की महिलाएं सरकारी आदेश के तहत परिवार नियोजन नहीं करा सकतीं. इसकी कई वजह हैं. इनके बारे में बात करने के लिए रीता टोटो से बेहतर शायद कोई नहीं हो सकतीं. वे इस जनजाति से स्नातक करने वाली पहली महिला हैं. उन्होंने हमसे टोटो जनजाति और इनसे जुड़ी समस्याओं, चुनौतियों और उम्मीदों पर बात कीं.

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‘हम एसटी में आते हैं, लेकिन दूसरे नहीं बल्कि इस कैटेगरी से ही हमें पढ़ाई-जॉब के लिए लड़ना पड़ता है’

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‘हम एसटी में आते हैं, लेकिन दूसरे नहीं बल्कि इस कैटेगरी से ही हमें पढ़ाई-जॉब के लिए लड़ना पड़ता है’

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    Hemant Kumar Pandey

    Right now I am working as an Independent Journalist & Writer. Prior to this, I worked as a Reporter in Satyagrah.scroll.in and for CNBC. Along with politics, I have been writing on social and other issues including economy. I am interested in ground report.